Wednesday, December 29, 2010
जीवन का मूल
जीव की उत्पति का उद्द्देश्य सत्य की खोज है ....सत्य की खोज जीवन में अन्केनेक तथ्यों से होती है ...ज्ञान चक्षु हर जीव के पास विराजमान होते है..पर क्या ....हर जीव वह देख पता है ...उस अलौकिक सत्य को ...अपने अन्दर के सत्य को पहचान पता है...उस अलौकिक शक्ति को जान पता है.....अपने कर कमलों से शक्ति के अनूठे स्वरुप को इस श्रृष्टि को समर्पित कर पता है ...श्रृष्टि में विलीन हो पाता है ...
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